Chaitra Navratri 2020 : आखिर नवरात्रि में क्यों बोया जाता है जौ? जानें क्या हैं इसका महत्व

नई दिल्ली : Chaitra Navratri 2020 हिंदी धर्म में नवरात्रि के त्यौहार का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। नवरात्रि के दिनों में भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए पूरे नौ दिन तक उपवास रखने के साथ ही पूजा अर्चना भी करते हैं। वहीं नवरात्रि के दिनों में घरों में सुबह – शाम माता की आरती भी देखने को मिलती हैं। नौ दिनों में मां के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है। Chaitra Navratri नवरात्री के दिनों में लोग व्रत के साथ ही और दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं

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जौ से मिलता हैं ये संकेत

इसके अलावा नवरात्रि के व्रत में जौ बीजने की परंपरा बताई जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि आखिर नवरात्री के दिनों में जौ क्‍यों बीजता है। हमारे धर्मग्रन्थों के मुताबिक सृष्टि की जब शुरूआत हुई थी तब हमारे धरती पर सबसे पहली फसल जौ कि ही हुई थी, इसलिए जब भी किसी भी त्यौहार में देवी-देवताओं की पूजा की जाती है तो हवन में जौ चढ़ाई जाती है। नवरात्रि व्रत करने वाले लोग अपने घर में मिट्टी के एक बर्तन में जौ बोते हैं।

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जौ का रंग हरा हो तो

ऐसी मान्यता हैं कि नवरात्रि में जो जौ उगाई जाती है, वह भविष्य से संबंधित कुछ बातों के संकेत मिलते है। नवरात्रि के दौरान मिट्टी में बोया गया जौ दो तीन दिन में ही अंकुरित हो जाता है। वहीं जौ का रंग नीचे से आधा हरा है और ऊपर से आधा पीला हो तो इसका मतलब हैं कि साल का शुरूआती समय अच्छे से बीतेगा, लेकिन बाद में आपको परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

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चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है. उन्हें ये फूल अर्पित करें. दीपक जलाएं. इस मंत्र का 108 बार जप करें।

दधानां करपद्याभ्यामक्षमालाकमण्डल।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्माचारिण्यनुत्तमा।

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