चांद से जुड़े इन रहस्यों क बारे में शायद ही जानतें होंगे आप।

भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है.उसने अपना दूसरा मिशम चंद्रयान- 2 सफलता के साथ चांद पर भेज दिया है। इस समय भारती की अंतरिक्ष  एजेंसी इसरो चंद्रयान-2 के जरिए चांद के कुछ अनसुलझे रहस्यों को सुलझाने की कोशिश कर रही है। चंद्रयान-2 ने चंद्रामा के कई (secrets of the moon) रहस्यों के बारे में पता लगाना और तस्वीरें भेजना भी शुरू कर दिया है। ऐसे में जब हर तरफ चांद की ही बातें हो रही हैं तो क्यों न हम भी चांद से जुड़ी ऐसी दिलचस्प और रहस्यमयी बातों के बारे में जान लें. जिनके बारे में शायद ही कोई जानता है।

ये तो हम सभी जानते हैं कि अब से करीब 47 साल पहले अमेरिका ने चांद पर इंसान को भोजा था। चांद पर जाने वाले पहले इंसान नील आर्मस्ट्रांग यूजीन सेरनन थे। जिन्होंने सबसे पहले चांद पर कदम रखा। उसके बाद कई सालों तक कोई भी इंसान चांद पर नहीं पहुंच सका।

ये बात साल 1972 की है जब इंसान ने चांद पर अपने कदमों के निशा छोड़े.आपको जानकर हैरानी होगी कि इतने साल बीत जाने के बाद भी उनके पैरों के निशान चांद पर आज भी मौजूद हैं। जी हां नील आर्मस्ट्रांग के पैरों के निशान आज भी चांद पर हैं।लेकिन इसे पीछे भी एक गहरा रहस्य छिपा हुआ हैं।

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रमा की मिट्टी की चट्टानों और धूल की एक परत से ढ़ंका हुआ है।इस परत में मिट्टी के कण मिश्रित होते हैं। इसलिए चांद की सतह पर से पैस के हट जाने के बाद भी पैरों के निशान लगभग हमेशा के लिए ही बन जाते हैं।चंद्रमा पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के पैर के निशान लाखों सालों तक वैसे ही रहेंगें, क्योंकि चांद पर वायुमंडल नहीं हैं।

आपको बता दें कि चांद पृथ्वी का इकलौता प्राकृतिक ग्रह है।इसके निर्माण के पीछे भी एक अनोखी ही कहानी है। दरअसल वैज्ञानिकों का मानना है कि आज के करीब 450 करोड़ साल पहले एक उल्का पिंड पृथ्वी से टकराया था। जिसकी वजह से पृथ्वी  का एक हिस्सा टूट कर अलग हो गया। यही हिस्सा बाद में चांद बनकर पृथ्वी के चक्कर काटने लगा।

वैज्ञानिकों  की मानें तो चंद्रमा का सिर्फ 59 फीसदी हिस्सा ही पृथ्वी से दिखाई देता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर चांद अंतरिक्ष से गायब हो जाएगा तो पृथ्वी पर केवल (secrets of the moon) छह घंटे का दिन होगा.वैज्ञानिकों  के मुताबिक,चांद पर जहां सूरज की किरणें पड़ती है वहां का तापमान 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। वहीं जहां अंधेरा रहता है वहां का तापमान -153 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

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