कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया में जो स्थिति बनी हुई है उससे आम लोगों को खासी परेशानी हो रही है। पूरी दुनिया में पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन हो रहा है, सड़के खाली हैं, हर इलाके, गली मोहल्ले में सन्नाटा छाया हुआ है। वहीं कोई फैक्ट्रियों का शोर नहीं, कोई धुआं नहीं, कोई प्रदूषण नहीं। कोरोना वायरस के चलते हुए इस लॉकडाउन भले ही दुनिया के ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था पर ज़रूर असर पड़ा हो, लेकिन एक चीज़ को इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। और यह फायदा आज से पहले होना नामुमकिन सा था। जहां पूरी दुनिया की रफ्तार जैसे थम सी गई है, वहीं इसका फायदा हमारी ओज़ोन लेयर को हो रहा है।
भरने लगा है ओज़ोन का घाव
जी हां, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर के शोधकक्ताओं के अनुसार, पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से में स्थित अंटार्टिका के ऊपर बना ओज़ोन लेयर में छेद अब धीरे-धीरे भरता नज़र आ रहा है। शोधकर्ता इसका मुख्य कारण चीन को मान रहे हैं। क्योंकि चीन की ओर से ही दक्षिणी हिस्सें में जाने वाला प्रदूषण अब उधर नहीं जा रहा हैै, इसी कारण ओजोन का घाव भर रहा है।
प्रदूषण के कारण बढ़ रहा था छेद
शोधकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन न होने से पहले प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा होता था, जिसके कारण ओजोन का छेद लगातार बड़ता जा रहा था। उन्होंने बताया कि पृथ्वी के ऊपर जेट स्ट्रीम हवाएं चलती हैं जो कई देशों के ऊपर से होकर गुज़रती हैं। इन हवाओं के कारण ही मौसम में बदलाव, हरियाली,, ऑक्सीजन जैसी चीज़ें प्रभावित होती हैं। पिछले कुछ सालों से ओज़ोन लेयर में छेद होने की वजह से यह हवाएं दक्षिणी हिस्सें में ही जा रही हैं। जिसके परिणामस्वरूप दक्षिणी हिस्सें में मौजूद ऑस्ट्रेलिया के मौसम में बदलाव आ रहा है। वहां सूखा पड़ने जैसी स्थिति भी इन्हीं जेट स्ट्रीम्स की वजह से हो रही हैं।
रिसर्च में पाया गया ये
रिसर्च में पाया गया है कि पिछले कुछ महीनों से लॉकडाउन होने की वजह से, कोई प्रदूषण नहीं हो रहा है जिसके फलस्वरूप ओज़ोन का छेद भर रहा है।
यूनिवर्सिटी की एक शोधकर्ता अंतरा बैनर्जी बताती हैं कि यह भले ही एक अस्थाई बदलाव है लेकिन ये बदलाव काफी अच्छा और महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, चीन में हुए लॉकडाउन की वजह से ही इन जेट स्टीम्स हवाओं की दिशाएं बदली हैं। साथ ही कार्बन डाइऑक्साइट के उत्सर्जन में भी कमी आई है। इन्हीं सब वजहों से ओज़ोन का छेद भर रहा है।
दक्षिणी हिस्से में जा रही हैं जेट स्ट्रीम हवाएं
अंतरा बताती हैं कि कई आंकड़ें दर्शाते हैं कि चीन में सबसे ज्यादा ओजोन को घटाने वाले तत्व छोड़े जाते हैं। वहां कुछ ही महीनों के लॉकडाउन से ओज़ोन का छेद भरने लगा है। बताया जाता है कि वर्ष 2000 से पहले पृथ्वी की जेट स्ट्रीम पृथ्वी के बीचों-बीच घूमती थीं जिसके कारण पृथ्वी का तापमान ठीक रहता था और मौसम भी सामान्य रहता था। लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से जेट स्ट्रीम हवाएं दक्षिणी हिस्से में घूम गई जिसके कारण ओजोन लेयर में छेद हो गया।
अंतरा और उनकी टीम ने अपनी रिसर्च में बताया कि जेट स्ट्रीम का रुख सुधर रहा है और ओजोन लेयर का छेद भरता नज़र आ रहा है। अंतरा बताती हैं कि अगर ऐसे ही कुछ समय तक पूरी दुनिया प्रदूषण कम करती है तो ऑस्ट्रेलिया के मौसम में सुधार आएगा। और साथ ही ओजोन लेयर का छेद भी भर सकता है।