कहते हैं यह विज्ञान का युग है, ऐसी कोई गुत्थी नहीं जिसे विज्ञान सुलझा न सके, ऐसा कोई सवाल नहीं जिसका जवाब विज्ञान के पास नहीं हो। परंतु इस संसार में ऐसी कई घटनाएं घटित हुई हैं ,ऐसे कई रहस्य सामने आए हैं जिन्होंने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है और जिसका जवाब विज्ञान भी नहीं दे पाया है। ऐसे ही एक अचंभित कर देने वाले रहस्य से हम आज आपको रूबरू कराएंगे।
सन् 1911 में जेनेथि नामक एक ट्रेन रोम से मेक्सिको तक के अपने पहले सफर के लिए रवाना हुई। करीब 106 यात्रियों को लेकर यह ट्रेन रोमन स्टेशन से मैक्सिको के लिए रवाना हुई।
इस यात्रा का सबसे दिलचस्प भाग था एक सुरंग जिसे पार कर इसे जाना था। गाड़ी जैसे ही सुरंग के भीतर घुसी वह गायब हो गयी और वापस कभी दूसरे छोर से बाहर नहीं निकली। काफी खोजबीन हुई, न दुर्घटना के निशान मिले ना ही गायब होने के सबूत। हालांकि कुछ समय बाद ट्रेन में सफर करने का दावा कर रहे दो यात्री सामने आएं जिन्होंने बताया कि उस रोज जैसे ही गाड़ी सुरंग में घुसी एक अजीब सा सफेद धुआं बाहर निकलने लगा, ट्रेन की पहली बोगी बुरी कुचली गयी। यह देखकर वे दोनों घबरा गए और अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूद पड़े।
कुछ वक्त बाद इस केस की फ़ाइल के साथ सुरंग के दोनों छोरों को भी हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। सन् 1926 में, ट्रेन में यात्रा कर रहे एक यात्री के परिजन ने कई रिपोर्ट इकट्ठा की जिनमें से एक 1845 की रिपोर्ट सबसे चौंकाने वाली था। इस रिपोर्ट में मेक्सिको की एक डॉक्टर ने अपने अस्पताल में उन 104 मरीज़ों की भर्ती का जिक्र किया जो वेषभूषा से एकदम अलग से थे और दावा कर रहे थे कि वे रोम से मेक्सिको ट्रेन से आये हैं, जबकि उस समय ऐसी कोई ट्रेन मौजूद नहीं थी।
भला यह कैसे मुमकिन है कि 1911 में रवाना हुई एक ट्रेन पर यात्रा कर रहे यात्री हूबहू 1845 अर्थात ठीक 76 वर्ष पूर्व मेक्सिको के एक अस्पताल में मिलें?
कई वैज्ञानिकों की माने तो यह ट्रैन एक टाइम लूप में फंस चुकी है जिसकी वजह से यह इतिहास और भविष्य में सफर कर रही है। लोगों की माने तो यह एक पैरानोमल फेनोमेनन भी हो सकता है पर विज्ञान ऐसे किसी भी तथ्य को झूठा मानता है। लेकिन सत्य क्या है इसकी खोज आज तक चल रही है और अब यह काल के गर्भ में ही है कि कब तक विज्ञान इसका सटीक जवाब दे पाता है !!!