इन दिनों कोरोना के कारण लोगों में काफी डर है। चीन में फैलने के बाद यह वायरस अब दुनियाभर के देशों को अपने चपेट में ले रहा है और भारत को इससे काफी खतरा है। भारत में भी कोरोना के कई मामले सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहा है कि इस बीमारी को लेकर जागरूकता जरूरी है। इंडस हेल्थ प्लंस प्रीवेंटिव हेल्थ केयर स्पेशलिस्ट अमोल नायकवाड़ी का कहना है कि जागरूकता जरूरी है कि यह बीमारी कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या है और किस तरह इस बीमारी को होने से रोका जा सकता है।
नायकवाडी ने बताया कि कोरोना भी आम कोल्ड वायरस की तरह ही है, इसके कारण गले, नाक या साइनस में इंफेक्शन होता है। डॉक्टर्स ने इस वायरस का नाम ‘जूनॉटिक’ दिया है, यानी जानवरों से इंसानों को होने वाला संक्रमण। कोरोना भी अन्य कोल्ड वायरस की तरह ही होता है, यानी संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से (ड्रॉपलेट इंफेक्शन), संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से या संक्रमित व्यक्ति की चीजों को छूने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना संक्रमित किसी स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क आता है तो या कुछ शेयर करता है तो उसके भी यह वायरस फ़ैल सकता है।
कोरोना के लक्षण
डब्यूएचओ का कहना है कि बुखार, खांसी और सांस लेने में परेशानी इसके लक्षण होते हैं,निमोनिया, किडनी फेलियर, गंभीर एक्यूंट रेस्पेसरेटरी सिंड्रोम जैसी परेशानी भी हो सकती है और इससे मौत भी हो सकती है। हालाँकि यह जानकारी नहीं है कि ‘कोरोना वायरस’ कितने दिनों में बढ़ सकता है, यह 10 दिनों तक का भी हो सकता है।
क्या है बचाव
डॉक्टर्स का कहना है कि सी फूड, मीट और अधपका मीट खाने से बचें। अंडे का सेवन भी ना करें। ‘कोरोना वायरस’ का अभी कोई उपचार या वैक्सीन नहीं है, लेकिन सावधानी बरतें :
– हाथों को सेनेटाइजर करें या गर्म पानी व साबुन से हाथ धोते रहें, अल्कोहलयुक्त हैंडरब का भी इश्तेमाल किया जा सकता है
– बाहर जाएं तो मुंह और नाक को रुमाल से ढंकें या मास्क पहनें
– बुखार या खांसी से ग्रस्त व्यक्ति से दुरी बनाएं
– जानवरों की मंडी में जाने से बचें
फ्लू होने पर क्या करें
– तबीयत खराब लगे तो पानी पियें और आराम करें, लापरवाही किया बिना डॉक्टर से जल्द संपर्क करें