कोरोना वायरस के कहर से इस समय पूरा देश एक जंग लड़ रहा है। देश में अभी 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगता है कि देश की रफ्तार फिलहाल और थमी रहेगी। सरकार कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों का इलाज मुफ्त में कर रही है। वे हर मुमकिन कोशिश कर रही है जिससे लोगों और डॉक्टर्स को सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। कई सितारों और उद्योगपतियों ने पीएम केयर्स फंड में बड़ी डोनेशन भी की है जिसका इस्तेमाल संकट के समय किया जाएगा। अब खबर आ रही है कि इस महामारी से लड़ने के लिए विश्व बैंक (World bank) ने भारत को 1 बिलियन डॉलर की राशि दी है। विश्व बैंक ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए भारत को एक अरब डॉलर की आपात सहायता को मंजूरी दी है.
विश्व बैंक (World bank) ने की 160 अरब डॉलर की सहायता
बता दें कि बृहस्पतिवार को विश्व बैंक ने भारत को आपात सहायता के रूप में 1 बिलियन डॉलर की राशि देने का फैसला किया था। विश्व बैंक की हेल्पिंग परियोजनाओं के 1.9 अरब डॉलर के पहले सेट में 25 देशों की मदद की जा रही है। इतना ही नहीं 40 देशों से अधिक देशों में तेज़ी से नए अभियान लाए जा रहे हैं। आपको बता दें कि आपाकालीन सहायता के पहले सेट की सबसे बड़ी राशि 1 अरब डॉलर भारत को दी जा रही है। विश्व बैंक ने कहा कि ”वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में देशों की मदद करने के लिए 15 महीने के लिहाज से 160 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी है”
आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों की टीम ने दुनियाभर के देशों के लिए एमर्जेंसी फंड के पहले सेट को मंजूरी दी है जिसके बाद विश्व बैंक ने कहा, ‘‘भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रीनिंग, संपर्कों का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नये पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी.” बता दें कि विश्व बैंक (World bank) ने पाकिस्तान के साथ-साथ अन्य देशों को भी आपात सहायता देने का फैसला किया है। विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 20 करोड़ डॉलर, अफ़ग़ानिस्तान को 10 करोड़ डॉलर, मालदीव के लिए 73 लाख डॉलर और श्रीलंका के लिए 12.86 करोड़ डॉलर की सहायता देने को मंजूरी दी है.
विश्व बैंक ने इन देशों की भी की मदद
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक (World bank) के मुख्य अधिकारी डेविड मालपास ने कहा है कि ‘इस महामारी से लड़ने के लिए विकासशील देशों को मजबूत करने की दिशा में वे काम कर रहे हैं। इससे जल्द से जल्द आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सुधार किया जा सकेगा।